जिला संवाददाता- डॉ. लोकेश तिवारी
माण्डल, स्थानीय राजकीय कन्या महाविद्यालय में आयोजित रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर में छात्राओं को आत्मरक्षा के विविध आयामों के प्रति जागरूक किया गया। यह कार्यक्रम न केवल छात्राओं के शारीरिक और मानसिक सशक्तिकरण की दिशा में एक सार्थक कदम साबित हुआ, बल्कि महिला सुरक्षा, घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न तथा सामाजिक समानता जैसे ज्वलंत विषयों पर भी गहन चर्चा और प्रशिक्षण प्रदान करने वाला रहा।कार्यक्रम का शुभारम्भ गरिमामयी वातावरण में हुआ। महाविद्यालय प्राचार्य अमन जैन ने उपस्थित अतिथियों, पुलिस विभाग से आए प्रशिक्षकों तथा छात्राओं का आत्मीय स्वागत किया। अपने स्वागत उद्बोधन में उन्होंने कहा कि आत्मरक्षा केवल शारीरिक शक्ति का ही विषय नहीं है, बल्कि यह आत्मविश्वास और मानसिक दृढ़ता का प्रतीक है। जब बेटियाँ आत्मरक्षा के गुर सीखती हैं, तो वे न केवल स्वयं को सुरक्षित रख पाती हैं बल्कि समाज में भी एक नई चेतना का संचार करती हैं।
इस विशेष प्रशिक्षण शिविर में राजस्थान पुलिस कमाण्डो राजकुमारी चौधरी, हेड कॉन्स्टेबल सरस्वती, सरोज चौहान और सलमा जैसी अनुभवी महिला पुलिसकर्मियों की उपस्थिति रही। इन अधिकारियों ने छात्राओं को न केवल आत्मरक्षा की व्यावहारिक तकनीकें सिखाईं बल्कि उन्हें यह भी बताया कि जीवन की वास्तविक परिस्थितियों में कैसे साहसपूर्वक, संयमित होकर और विधिक रूप से प्रतिक्रिया करनी चाहिए।
राजकुमारी चौधरी ने अपने सत्र में कहा कि महिलाएँ किसी भी स्थिति में असहाय नहीं हैं; केवल उन्हें अपनी शक्ति को पहचानने और सही समय पर उसका प्रयोग करने की आवश्यकता है। वहीं हेड कॉन्स्टेबल सरस्वती ने घरेलू हिंसा और कार्यस्थल पर होने वाले उत्पीड़न से निपटने के कानूनी अधिकारों की विस्तार से जानकारी दी। सरोज चौहान और सलमा ने छात्राओं को विभिन्न परिस्थितियों में आत्मरक्षा हेतु अपनाए जाने वाले सरल लेकिन प्रभावी शारीरिक अभ्यासों का प्रदर्शन कराया।लगभग 75 छात्राओं ने इस प्रशिक्षण में सक्रिय भागीदारी की।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. अवधेश कुमार जौहरी ने अपनी विशिष्ट शैली में किया। उन्होंने प्रशिक्षण के प्रत्येक चरण को छात्राओं तक स्पष्ट रूप से पहुँचाया और बीच-बीच में प्रेरणादायी उदाहरणों के माध्यम से छात्राओं का उत्साहवर्धन भी किया। उनकी संयोजक भूमिका ने पूरे आयोजन को व्यवस्थित और प्रभावशाली बनाए रखा।इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षाविदों की भी विशेष उपस्थिति रही।
डॉ.ब्रह्मप्रकाश यादव,डॉ. नेहिल नायक,डॉ. चेतना रावत,डॉ. प्रियंका ओझा,डॉ. कल्पना जैन
आदि संकाय सदस्य उपस्थित रहे और उन्होंने छात्राओं को महिला सशक्तिकरण तथा आत्मनिर्भरता के महत्व पर मार्गदर्शन दिया।