पिता के इलाज के लिये दौड रही है बहने

पिता के इलाज के लिये दौड रही है बहने

सुनिल जोगेश्वरीकर
अहमदनगर: पारनेर तालुका के अलकुटी के भास्कर भंडारी पिछले 15 वर्षों से पॅरॅलीसेस के चलते बिस्तर पर हैं ... उनके पास केवळ डेड एकड़ खेती है। आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है। पति-पत्नी का परिवार, तीन बेटियां, एक बेटा।जो व्यक्ति घर का कर्ता है वह बिस्तर पर पड़ा है। भास्कर भंडारी के इलाज पर हर महीने 5,000 रुपये का खर्च आता है।
 जहां दिन में दो बार भोजन करने के लिये इस परिवार को किल्लत उठानी पड रही है। वहा भास्कर के इलाज के लिये पैसो का इंतजाम कैसे करे यह सवाल इस परिवार के सामने था।
घर की तीनों लड़किया शीतल, भाग्यश्री और साक्षी ने विभिन्न दौड़ प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अपने पिता के लिए दवा की भागना शुरू किया। वहीं ये तीनों बहणे छुट्टियों में खेतों में काम कर अपने पिता की दवा के लिए पैसे जुटा रहे हैं। शीतल, भाग्यश्री और साक्षी को शिक्षा के साथ-साथ कठिन दौड़ का अभ्यास करते हुए अंतहीन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। चूंकि यह एक ग्रामीण क्षेत्र है, यहां कोई मैदान नहीं है, पैरों में जूते नहीं हैं, ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों को खेल में भाग लेने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। फिरभी यह तीन बहने पिता के लिये दौड रही है।
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