भीलवाड़ा,प्रदेशभर में छुट्टा और आवारा पशुओं की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। खासकर आवारा नंदी न केवल आमजन के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं, बल्कि प्रशासन और सरकार के लिए भी चुनौती बन गए हैं। इस समस्या के समाधान और गोसंवर्धन के उद्देश्य से अब ‘नंदी बैंक’ की स्थापना की तैयारी की जा रही है। यह जानकारी गौ राष्ट्र यात्रा के संयोजक एवं AWRI (जीव-जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्थान) के अध्यक्ष भरत सिंह राजपुरोहित ने प्रेमदन गोशाला, मालोला रोड, भीलवाड़ा में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान दी।
उन्होंने कहा कि गोवंश की रक्षा और देसी नस्लों के संवर्धन के लिए गाय को केवल आस्था से नहीं, अर्थव्यवस्था से जोड़ना होगा। जब तक गाय का आर्थिक महत्त्व नहीं समझा जाएगा, तब तक उसके संरक्षण का उद्देश्य अधूरा रहेगा। नंदी बैंक बनने से सड़कों पर घूमते नंदियों को आश्रय मिलेगा और किसानों को गो आधारित खेती के लिए देशी बैल उपलब्ध कराए जा सकेंगे।
प्रेसवार्ता में गौ राष्ट्र यात्रा के उद्देश्यों, प्रगति, गौ संरक्षण, गो आधारित खेती और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में गोवंश की भूमिका पर विस्तार से जानकारी साझा की गई। भरत सिंह ने बताया कि यदि गोसंवर्धन पर गंभीरता से कार्य किया जाए, तो भारत पुनः विश्व में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर सकता है। उन्होंने ग्रामीण विकास के लिए गांव और गो को केंद्र में रखने की आवश्यकता बताई।
इस अवसर पर गोसेवा से जुड़े पशुपालक और सामाजिक कार्यकर्ता रवि अग्रवाल , चितवन व्यास, रंग लाल जाट , नरेश पाल मीणा, पंकज विजयवर्गीय , उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में प्रेमदन गोशाला के संचालक राजेन्द्र गुर्जर ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया।