गरीब बच्चों को ढूंढ-ढूंढ कर दिला रहीं शिक्षा, करती है सबकी मदद आल राउंडर:-सेजल मेनारिया
Chittorgarh:- जिले के चिकारड़ा गांव में रहने वाली सेजल मेनारिया पढ़ने वाली बीए प्रथम वर्ष की छात्रा हैं। बावजूद इसके वह समाजसेवा के लिए समय निकाल लेती हैं।
वह पिछले कई सालो से ऐसे बच्चों की तलाश कर मदद करती रही हैं, जो गरीबी के कारण स्कूल नहीं जा पाते हैं। शुरुआत में उन्होंने ऐसे बच्चों को ढूंढकर अपने स्तर से स्कूल में दाखिला दिलाया। स्कूल ड्रेस, किताबें आदि मुहैया कराई। इस काम के लिए वह परिवार और दोस्तो की भी मदद लेती हैं। वह गरीब, अमीर, अनाथ, दोस्तों व दुश्मनों सभी मदद करती रहती है।
ऐसे मिली प्रेरणा
सेजल मेनारिया ने बताया कि उसने अपनी लाइफ में खुद को व अपने पापा को हर दुख और सुख में देखा है। कई जगह उसने छोटे बच्चों को काम करते देखा है, जो घर की समस्याओं के कारण पढ़ाई नही कर पाते। ऐसे मंजर को देखकर उनका मन विचलित हो गया। बच्चों से बात की तो उसने बताया कि मजदूरी में काम करते है। उसके पिता गरीब हैं। पढ़ाई करने के लिए और खाने के लिए पैसे नहीं हैं। बच्चे को पढ़ाई करने की उम्र में काम करते देख यह फैसला किया कि अपने क्षेत्र में ऐसे बच्चों की तलाश कर उन्हें पढ़ाएंगी। इसके बाद उन्होंने अपने घर के आसपास ऐसे बच्चों को तलाश किया, जिनके माता-पिता मजदूरी करते थे, भीख मांगते थे। गरीबी के कारण बच्चे स्कूल नहीं जाते थे। उन्होंने उनके माता-पिता से बात की। उन्हें पढ़ाई का महत्व समझाया। इसके बाद बच्चों का विद्यालय में एडमिशन कराया। उनकी फीस, स्कूल ड्रेस, कापी किताबें आदि का खर्च अपने पास से किया। ऐसा करके उसके मन को बहुत सुकून मिलता है। इसके बाद यह सिलसिला शुरू हो गया जो लगातार जारी है।
वर्तमान में उनके पिताजी राधेश्याम मेनारिया का चिकारड़ा गांव में एक दुपहिया वाहन का शोरूम है और प्रॉपर्टी, लोन व फाइनैंस का काम भी है। सेजल इन सभी कामो में अपने पिताजी का हाथ बंटाती है। वही अपनी माताजी भंवरी देवी का घरेलू कामो में भी मदद करती है। उसे टू व्हीलर और फ़ॉर व्हीलर गाड़िया भी बखूबी चलाना आती है। उनका सपना जिंदगी में गरीबो, अनाथ व असहाय लोगो का भलाकरने के लिए कुछ बड़ा करने का है।
Reporter :- Durgesh Kumar Lakshkar