चाइनीज मांजे से हो रहे नुकसान को देखते हुए कोपरगाव शहर पोलिस की ओरसे अभियान

हफीज शेख
अहमदनगर मकर संक्रांति करीब आते ही शहर में पतंगें आसमान में नजर आने लगी है। इस पतंगबाजी में चाइनीज मांजे के उपयोग से पक्षियों के घायल होने के साथ हादसे भी होने लगे हैं। प्रतिबंध के बावजूद बाजार में इस मांजे की चोरी-छुपे बिक्री हो रही है। प्रशासन ने मात्र अभ छापेमारे की कार्रवाई शुरू करदी है।

बाजार सूत्रों के मुताबिक चायनीज डोर सस्ती और पक्की होने के कारण ज्यादा बिकती है। डोर पर कांच और मैटल का इस तरह से लेप किया जाता है कि यह सूती मांजे से सस्ता पड़ता है। डोर आसानी से न तो टूटती है और न ही कटती है, यही कारण है कि एक बार खरीदने के बाद इसे लंबे समय तक काम में लिया जाता है।साथ ही इस मांजे दुसरो के पतंग आसानी से काटे जाते है, यही वजह है कि इस मांजे की युवाओ में मांग ज्यादा है, इस वजह से दुकानदार पतंगबाजों की मांग के मुताबिक चोरी छुपे ये मांजा उपलब्ध कराते हैं। अगर हम इन मांजे की दूसरी बाजू अगर देखे तो इस मांजे के इस्तेमाल से पक्षियो का जख्मी होना, इंसानों के गले कटने जैसे हादसों में बड़े पैमाने पर इजाफा हुआ है, इस मांजे के इस्तेमाल से कई लोगोको अपनी जानभी  गवानी पड़ी है, इस बातको ध्यानमें रखते हुए सरकार ने चायनीज मांजे पर बंदी लगाई है,

चाइनीज मांजे से हो रहे नुकसान को देखते हुए बाजार में इसकी बिक्री रोकने के लिए कोपरगाव शहर पोलिस थाने की ओरसे आज अभियान चलाया गया। इसके साथ ही ऐसे दुकानदारों पर सख्त कार्रवाई करने आदेश दिए गए।
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