हेलीकॉप्टर के माध्यम से 25 आपदा प्रभावितों को सुरक्षित रेस्क्यू करने में कामयाब हुआ प्रशासन.
रामनगर
उत्तराखंड में मौसम के अलर्ट के बाद भारी बारिश से आई बाढ़ ने पूरे राज्य को बेहाल कर दिया है। वायुसेना, एनडीआरएफ राहत और बचाव कार्य में लगातार जुटी हुई हैं। इसी बीच गांव चुकुम व सुंदरखाल में लोगों फंसे होने की जानकारी मिली।
जहां वायुसेना के अति आधुनिक हेलीकॉप्टर ध्रुव ने सुंदरखाल में 31 लोगों को बचाया है। ये सभी लोग गांव में फंसे हुए थे और बाढ़ में डूबने वाले थे, तभी वहां ध्रुव पहुंच गया।
दरअसल, यह घटना नैनीताल जिले के रामनगर से 14 कि. मी के पास सुंदरखाल की है, यहां भीषण तबाही के बीच 31 लोग गांव में किसी तरह जान बचाकर बैठे हुए थे। बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा था,सूचना पर एसडीएम गौरव चटवाल सहित पूरे प्रशासन में हड़कंप मच गया, मौके पर प्रशासन ने 6 लोगों को राफ्टिंग के माध्यम से सुरक्षित निकला गया।
इस बीच अचानक नदी के पानी के विकराल रूप धारण कर लिया,जहां प्रशासन का रेस्क्यू भी विफल हो गया। एसडीएम ने मामले में अधिकारियों को पैनिक न होने सलाह देते हुए राहत व बचाव कार्य के निर्देश दिए। उन्होंने डीएम सहित सूबे मुख्यमंत्री धामी को घटनाक्रम से अवगत कराया।इसी बीच वहां वायुसेना का ध्रुव हेलीकॉप्टर पहुंच गया। जब उन लोगों ने हेलीकॉप्टर को देखा तो उन्होंने राहत की सांस ली।
एसडीएम गौरव चटवाल ने बताया कि उत्तराखंड मौसम के अलर्ट के बाद उन्होंने बैठक कर अधिकारियों को हर स्थिति का मुकाबला करने निर्देश दिए।भारी बारिश के बाद जीवन-अस्त व्यस्त हो गया।तो वही मोहन, चुकुम व सुंदरखाल में भारी बारिश ने तबाही मच दी, सूचना के बाद प्रशासन ने काफ़ी लोग सुरक्षित बाहर निकाल लिया, इस बीच जलस्तर काफ़ी बढ़ गया। जिसमे गांव सुंदरखाल में 25 लोग फंस गए,एसडीएम ने आनन-फ़ानन में जिला प्रशासन सहित शासन को सुंदरखाल में लोगों के फंसे होने की जानकारी दी।
जिसके बाद 2:30 बजे साशन ने वायुसेना का हेलीकॉप्टर पहुचं गया।हेलीकॉप्टर पर मौजूद प्रशासन ने उन सबको एक-एक कर हेलीकॉप्टर पर चढ़ाया। इस दौरान हवा भी तेज चल रही थी और जहां 25 लोग फंसे हुए थे,गांव के चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा था। फिलहाल इन लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।
बाढ़ प्रभावित लोगों को एसडीएम चटवाल व राजस्व उपनिरीक्षक तारा चंद्र घिल्डियाल द्वारा कच्चा खाद्यान्न सामग्री सहित गैस सिलेंडर मुहैया कराया गया।
वही मोहन के फंसे 150 लोगों को प्रशासन ने रोडवेज की बस के माध्यम से सुरक्षित निकालकर उनके घरों को रवाना कर दिया।एसडीएम का कहना हैं,कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अधिकारियों द्वारा नुकसान का आंकलन किया जा रहा हैं।
हर साल होती है काले पानी की सजा
रामनगर बाघों की राजधानी कहे जाने वाले कॉर्बेट नेशनल पार्क के ठीक सामने कोसी नदी के पार बसे सुंदरखाल व चुकुम गांव की तकदीर में हर साल की आने वाली बरसात काले पानी की सज़ा लिख जाती है। उफनाई कोसी नदी के चलते इस गांव के निवासियों को बरसात के चार महीने शेष दुनियां से कटे रहना पड़ता है। आपातकालीन स्थिति में कई किमी. घने जंगल में जान की बाजी लगाकर पैदल कुनखेत होते हुए ग्रामीण निकटवर्ती अस्पताल रामनगर पहुंचकर अपना इलाज कराते हैं। देश-दुनियां के करोड़ो सैलानियों को अपनी बेपनाह खूबसूरती के बल पर रिझाने वाले उत्तराखण्ड के इस गांव की यह दास्तान अकेली नहीं है। कई ऐसे गांव यहां हैं, जो मुल्क की आज़ादी के 75 साल होने पर भी विकास की रोशनी से महरूम हैं।
1,लाख 46 हज़ार क्यूसिक पानी
मूसलाधार बारिश से कोसी नदी का जलस्तर 1,लाख 46 हज़ार क्यूसिक मापा गया,जिसके बाद उत्तर प्रदेश के सभी सिचाई खंडों को हाई -अलर्ट कर दिया गया। भारी बारिश के चलते नदी जलस्तर अभी ओर बढ़ने की संभावनाएं हैं।
बाढ़ प्रभावित का मसीहा बना प्रशासन
तहसीलदार बीसी पंत ने बताया कि सिंचाई खंड से मिल रहे आंकड़ों के बाद कोसी नदी के तटबंध के समीप बसे ग्राम पुछड़ी को खाली कराकर उन्हें प्राइमरी स्कूलों व अन्य सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है,नायाब तहसीदार डीसी मिश्र, राजस्व उपनिरीक्षक आरिफ़ हुसैन व रणवीर चौहान द्वारा बाढ़ प्रभावित लगभग 50 लोगों की खाने सहित स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं.
रिपोर्टर : रागिब खान